राजकीय महाविद्यालय, महेन्द्रगढ की राष्ट्रीय सेवा योजना की तीनों इकाईयों के सात दिवसिय एनएसएस कैम्प का शुभारम्भ हुआ। महाविद्यालय के प्राचार्य मेजर एम.आर. लाम्बा एवं उप-प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मी नारायाण ने शिविरार्थियों को हरी झंडी दिखाकर मौदाश्रम के लिए रवाना किया। इस दौरान प्राचार्य मेजर एम.आर. लाम्बा ने स्वयंसेवकों का उत्साह वर्धन करते हुए कहा कि समुदाय की सेवा के साथ ही व्यक्तित्व एवं चरित्र निर्माण होता है, निस्वार्थ एवं निष्काम समुदाय सेवा ही राष्ट्रीय सेवा योजना का अंतिम लक्ष्य है।
उप-प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मी नारायाण ने बताया कि राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक कैसे राष्ट्र के प्रति अपनी भूमिका निर्वाह कर सकते हैं। उन्होंने स्वयंसेवकों से अपील की कि उन्हें इस सात दिवसीय विशेष शिविर में जो भी कार्य दिए जाएं वे उसे पूरे मन से करें और अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाएं। इस सात दिवसीय विशेष शिविर में आपके व्यक्तित्व का विकास होगा और आप अच्छे समाजसेवी के रूप में बनकर उभरेंगे
कार्यक्रम अधिकारी डॉ. सोमवीर सिवाच ने बच्चों को एनएसएस के महत्व के बारे में जानकारी दी और सारे कार्यक्रम की रूपरेखा सबके सामने रखी। उन्होंने बताया कि इस सात दिवसीय विशेष शिविर में डिजिटल इंडिया और विकसित भारत के बारे में जागरूकता, मतदाता जागरूकता–मेरा पहला वोट देश के लिए अभियान, पर्यावरण जागरूकता एवं स्वच्छता, नशा विरोधी जागरूकता, लिंग संवेदीकरण, जल संरक्षण साक्षरता एवं प्राथमिक चिकित्सा होम नर्सिंग के बारे में समाज के हर तबके को जागरूक किया जाएगा।
कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अशोक कुमार एवं डॉ. पविता यादव ने बताया कि ऐसे शिविर के आयोजन से बच्चों में आपसी भाईचारे और राष्ट्र सेवा की भावना जागृत होती है। इस सात दिवसीय एनएसएस कैम्प में छात्र-छात्राऐं मन लगाकर कार्य करते हुए इस कैम्प का लाभ उठाये। कैम्प को आयोजित करने का उददेश्य तभी प्राप्त होगा जब सभी छात्र-छात्राऐं कैम्प की सभी गतिविधियों में बढ चढकर भाग लेगें।